Friday 24 May 2019

दोस्तों...मेरी शायरी किसी भी खास व्यक्ति या किसी को भी मद्देनज़र रख कर नहीं लिखी जाती है..यह शायर की कल्पना की उड़ान है,जो उस की कलम को हर विषय पे लिखने को प्रेरित करती है...मेरे लेखन को पसंद करने के लिए शुक्रिया .....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...