जनून है तुझ से मिलने का---जनून है अल्फाजो को लिखने का---जनून है अपने मकसद को पूरा करने
का---वही तक बंधी है डोर इन सांसो की,मकसद जहा ख़त्म हुआ---बात रही इन अल्फाज़ो की,आखिरी
साँस तक कलम उठाए गे---कितने ही बचे है लफ्ज़,जो इन्ही पन्नो पे उतार जाए गे---कहानी ज़िंदगी
की अपनी,शर्तो के साथ लिख जाए गे----जनून जिसे पढ़ने का होगा,यह अल्फ़ाज़ उसी के हो जाए गे----
का---वही तक बंधी है डोर इन सांसो की,मकसद जहा ख़त्म हुआ---बात रही इन अल्फाज़ो की,आखिरी
साँस तक कलम उठाए गे---कितने ही बचे है लफ्ज़,जो इन्ही पन्नो पे उतार जाए गे---कहानी ज़िंदगी
की अपनी,शर्तो के साथ लिख जाए गे----जनून जिसे पढ़ने का होगा,यह अल्फ़ाज़ उसी के हो जाए गे----