Sunday 19 May 2019

वो धीमे से,उन का चिरागो को जलाना...रोशन रात को कर के,नज़दीक मेरे आना...बरसो बीत गए

मगर आज भी आप का यह कहना '''सदियों मे पैदा होने वाली दुल्हन हो मेरी ''' और फिर उसी मासूम

शरारत से मुस्कुरा देना...निहाल है हम भी यह सुन कर,मुस्कुराए है उन्ही मासूम अदाओ पर...बुझा

दीजिये इन चिरागो को,दुनिया के अच्छे-बुरे लफ्ज़ो से क्या लेना,क्या देना..शहंशाह हो आप मेरे

सदियों से हू,सदियों तक हू..दुल्हन आप की ..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...