Wednesday 29 May 2019

जान हथेली पर रख कर ज़िंदगी को दोस्त बना लिया हम ने..ज़माना बोले हमे हरजाई,खुद ही को

दग़ा दे दिया हम ने..काँटों ने बार बार उलझाया,झाड़ियों मे दामन भी फसाया..कुछ ना हुआ तो

फूलों से मिलने के बहाने उस के काँटों से रूबरू करवाया..अब तो ज़िंदगी की शाम है,अलविदा कभी 

भी हो जाए गी..सुन जान मेरी,जब बना लिया दोस्त तुझे ऐ ज़िंदगी,तो अपनी जान भी किस काम

आए गी.... 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...