वो एक क़तरा उस के आंसू का,जैसे आज भी मेरे हाथ पे कायम है...जज्बातो का सीने मे दबा लेना,
पर मुस्कुरा कर हमी से बाते करना.अजब अंदाज़ अब भी कायम है...आँखों का बार बार भर आना..
गिर गया आँखों मे कुछ,फिर खिलखिला कर इतना हसना कि सच मे आंसू बहा देना...अंदाज़ कहे
या दाद दे उस की हिम्मत की,झिलमिला कर पलकों को गिराना फिर उठाना...और हम को बस
हमी से चुरा लेना...
पर मुस्कुरा कर हमी से बाते करना.अजब अंदाज़ अब भी कायम है...आँखों का बार बार भर आना..
गिर गया आँखों मे कुछ,फिर खिलखिला कर इतना हसना कि सच मे आंसू बहा देना...अंदाज़ कहे
या दाद दे उस की हिम्मत की,झिलमिला कर पलकों को गिराना फिर उठाना...और हम को बस
हमी से चुरा लेना...