Friday 17 May 2019

वो एक क़तरा उस के आंसू का,जैसे आज भी मेरे हाथ पे कायम है...जज्बातो का सीने मे दबा लेना,

पर मुस्कुरा कर हमी से बाते करना.अजब अंदाज़ अब भी कायम है...आँखों का बार बार भर आना..

गिर गया आँखों मे कुछ,फिर खिलखिला कर इतना हसना  कि सच मे आंसू बहा देना...अंदाज़ कहे

या दाद दे उस की हिम्मत की,झिलमिला कर पलकों को गिराना फिर उठाना...और हम को बस

हमी से चुरा लेना...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...