Sunday 14 March 2021

 इतना खो गए इन वादियों की खूबसूरती मे कि जहाँ के दर्द भूल गए...खुद पे ही इतना हँसे कि लोगों 


का ख़्याल तक भूल गए..यह दरख़्त भी साथ हमारे,हमारी हँसी पे जैसे खिल और गए...धूप के गहरे 


साए से डरना भी भूल गए...विदा लेने लगे जब इन से तो अपनी घनी छाँव मे रहने की ज़िद करने लगे...


क्या कमाल है,इंसा और इन के प्यार मे..दो पल के लिए इन के साथ रहे तो यह संग हमारे मुस्कुरा दिए 


और  हमें रोकने की ज़िद करने लगे..इंसानो को बहुत हंसाया मगर उन की काली नज़र से हम जैसे 


मर से गए..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...