इतना खो गए इन वादियों की खूबसूरती मे कि जहाँ के दर्द भूल गए...खुद पे ही इतना हँसे कि लोगों
का ख़्याल तक भूल गए..यह दरख़्त भी साथ हमारे,हमारी हँसी पे जैसे खिल और गए...धूप के गहरे
साए से डरना भी भूल गए...विदा लेने लगे जब इन से तो अपनी घनी छाँव मे रहने की ज़िद करने लगे...
क्या कमाल है,इंसा और इन के प्यार मे..दो पल के लिए इन के साथ रहे तो यह संग हमारे मुस्कुरा दिए
और हमें रोकने की ज़िद करने लगे..इंसानो को बहुत हंसाया मगर उन की काली नज़र से हम जैसे
मर से गए..