Sunday 14 March 2021

 दुनियाँ से अलग,बहुत अलग होना ही...पहचान है हमारी...उस ने क्या किया,उस ने क्यों किया..बेवजह 


वक़्त ख़राब करना,यह फ़ितरत नहीं हमारी...जो किया बस,कर दिया..ढ़िढोरा पीटना आदत भी नहीं...


खुद को वक़्त दे कर खुद को बनाया,बस इतनी पहचान होती रहे गी हमारी...उतरना है ज़िंदगी की इस 


कसौटी पे खरा तो खुद को तराशना है बेहद जरुरी...लोगो को अपने कदमों मे झुकाना,नहीं मकसद 


हमारा.. पर खुद भी बेवजह झुकना,लिखा नहीं लकीरों मे हमारी...खुद्दार होना खुदा से मिली नियामत 


है हमारी...जो मिला प्यार से,उस को रास्ता ज़िंदगी का बता दिया..जो रहा अकड़ के,उस से रास्ता ही 


अपना बदल लिया...



दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...