Wednesday 3 March 2021

 अपने दिल पे लगा के ताला और चाबी दे कर हमें वो बोले...आज के बाद तुम्हारे सिवा इस दिल मे कोई 


और ना आ पाए गा..रहे गे तुम्हारे सदा,किसी और के कभी ना अब हो पाए गे...सातवें आसमां पे जैसे 


हम पहुंच गए..प्यार मे बस उन्ही के जैसे ग़ुम ही हो गए...अरसा कुछ ही बीता तो एहसास हुआ,कितना 


बदल गए है वो...जो हर पल मे कभी साथ हमारे थे वो महीनों कही खो गए थे अब..वक़्त की कमी का 


एहसास दिला दूरी बना ली हम से और काम का रोना रो कर महीनों गायब से हो गए..अब समझे हम 


कि चाबियां तो इक ताले की और भी बन जाती है..नीयत गर साफ़ ना हो तो दूरियाँ और बड़ जाती है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...