Wednesday 31 March 2021

 हसरतों को दाग दिया तो दर्द पूरे जिस्म मे उतर गया..बेहाल हो गए उस दर्द से मगर उस पे गज़ब यह,


कि हमी से गुफ्तगू करना छोड़ दिया...कैसे समझाए कि तेरे हर दर्द की मरहम तो हमारे पास है..तू खुद 


को रंग ले  बेशक हज़ारो रंगो से मगर जो रंग तुझ पे पक्का चढ़े वो खास रंग तो सिर्फ हमारे ही पास है..


वो रंग जो सदियों से तुझे मुझे रंगता आया है..हम तो भीग चुके है सिर्फ और सिर्फ तेरे रंग मे..पर शायद 


तू ही भूल चूका है उस प्रेम-रंग को जो सदिया दोहराती आई है हर जन्म,हर सांस मे..किस्मत की लकीरों 


पे क्यों हम यकीन करे,हम ने तो तुझे किस्मत की लकीरों से  ही छीना और पाया है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...