बहुत दूर तक चलने का वादा किया था तुम से..पर बीच राह साथ तुम्ही ने छोड़ दिया...हर बात पे हर
बार यही कहना तेरा ''दूर कभी जाना ना मुझ से''...तुझे देने के लिए हर ख़ुशी,हम ने दुनियाँ से नाता सा
तोड़ लिया...तेरी ही बाहों मे दम निकले,यह ख़्वाब खुद से ही देख लिया..पर देखो ना,आज तुम साथ
छोड़ चुके हो मेरा और हम को इल्ज़ाम के घेरे मे तुम्ही ने डाल दिया...आंख बरस जाती है यू ही अक्सर
कि तेरे ही कहे लफ्ज़ो से तू ही मुकर गया...