Monday 1 March 2021

 कैसे कह दे कि यह हवाएं सिर्फ गेसुओं को ही उलझा देती है...इन की ताकत तो है इतनी कि यह अपने 


तेज़ बहाव से यादें तक उड़ा देती है...संभाल कर रख लेती है सिर्फ मीठी यादें और ताकत से अपनी, दिल 


को और मजबूत बना देती है...खुश रहने की,खुश होने की कोई वजह ना भी हो तो वजह भी हज़ारो बना 


देती है...अब क्यों ना चले संग-संग इन के..यह तो हम को हमी से मिलवाती रहती है...गज़ब पे गज़ब तो 


यह भी कि छुप के रो भी दे तो आंसू भी सुखा देती है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...