Saturday 6 March 2021

 बेहद ही प्यार से वो लिख रहे थे,हमारी खूबसूरती पे इक खूबसूरत सी उन की पहली नज़्म..पढ़ कर 


आंख हमारी नम हो गई..गला रूँघ गया यह सोच कर कि कोई हम को भी इतना प्यार कर सकता है..


लग गए सीने से उन के और मुश्किल से इतना बोले,''नज़्म बेशक कभी ना लिखना हम पे..मगर हमारे 


सिवा किसी और से कभी ना प्यार करना..मेरे और सिर्फ मेरे ही बन कर रहना..दिल मे मेरे मेरी ही 


धड़कन बन कर सदा रहना..वफ़ा की जोत मेरे संग-संग तुम भी जलाए रखना..ज़िंदगी खत्म भी हो 


जाए तो रूह के साथ बंधे रहना''...






दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...