बेहद ही प्यार से वो लिख रहे थे,हमारी खूबसूरती पे इक खूबसूरत सी उन की पहली नज़्म..पढ़ कर
आंख हमारी नम हो गई..गला रूँघ गया यह सोच कर कि कोई हम को भी इतना प्यार कर सकता है..
लग गए सीने से उन के और मुश्किल से इतना बोले,''नज़्म बेशक कभी ना लिखना हम पे..मगर हमारे
सिवा किसी और से कभी ना प्यार करना..मेरे और सिर्फ मेरे ही बन कर रहना..दिल मे मेरे मेरी ही
धड़कन बन कर सदा रहना..वफ़ा की जोत मेरे संग-संग तुम भी जलाए रखना..ज़िंदगी खत्म भी हो
जाए तो रूह के साथ बंधे रहना''...