हमारे शब्दों के बोझ से पन्ने घबरा गए..कितना लिखो गे और कि आप की इबादत मे हम खुद से
दूर हो गए..बिखरने लगते है जब जब हम पे दर्द आप लिखते है..आंसू आप को दिखाते नहीं कि
जज्बात आप के भी तो बिखरते है..मुहब्बत का लिखा हर शब्द क्या खूब होता है..जैसे दिल का
हर खवाब पूरा होता है..इसी मुहब्बत को इतना आबाद कीजिये..जो भी पढ़े इन शब्दों को मुहब्बत
को करे सज़दा और आप को इन्ही शब्दों का मसीहा बोल दे...
दूर हो गए..बिखरने लगते है जब जब हम पे दर्द आप लिखते है..आंसू आप को दिखाते नहीं कि
जज्बात आप के भी तो बिखरते है..मुहब्बत का लिखा हर शब्द क्या खूब होता है..जैसे दिल का
हर खवाब पूरा होता है..इसी मुहब्बत को इतना आबाद कीजिये..जो भी पढ़े इन शब्दों को मुहब्बत
को करे सज़दा और आप को इन्ही शब्दों का मसीहा बोल दे...