Thursday 26 September 2019

क्यों तेरी आज कोई खबर ही नहीं..क्यों इतना सन्नाटा छाया है..क्या जाने किस मुश्किल ने तुझ को

आज घेरा है...क्या बादलों ने फिर उत्पात मचाया है या फिर कोई तेरी राहो मे उलझन पैदा करने आया

है...फिक्रमंद है पर कोई खौफ नहीं..अपनी मुहब्बत पे है इतना यकीं जितना तेरी उल्फत पे रहता है

यकी...नज़र तो नज़र के पास सदा रहती है..कमी किसी बात की नहीं पर एक उम्मीद है जो हर पल

साथ साथ चलती है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...