जीवन का हर झमेला हम को,सुनहरी राहो की और ले जाता रहा....कदम जहाँ जहाँ रखते रहे,खुदा
का साथ बार-बार हर बार मिलता ही रहा...खौफ निकलता रहा दिल से,राहों का मिलना आसान होता
गया..अब खौफ से नहीं यकीन से हर राह चुनते है...कामयाब हो या ना हो मगर कोशिश हर बार करते
है..देखे यह तमाम कोशिशे क्या रंग लाती है...डुबोती है सागर मे या संवार कर नगीना बनाती है...
का साथ बार-बार हर बार मिलता ही रहा...खौफ निकलता रहा दिल से,राहों का मिलना आसान होता
गया..अब खौफ से नहीं यकीन से हर राह चुनते है...कामयाब हो या ना हो मगर कोशिश हर बार करते
है..देखे यह तमाम कोशिशे क्या रंग लाती है...डुबोती है सागर मे या संवार कर नगीना बनाती है...