'''''''सरगोशियां ''''''------पावन प्रेम की अनुभूति से भरपूर...रूहों को बार-बार हर जन्म मे मिलाती हुई....कभी विरह की आग मे जलते हुए जज्बात....फिर प्रेमी का प्रेमिका को मुहब्बत का अनलिखा पैगाम देना......प्रेमिका का उस के अलौकिक प्रेम मे बेतहाशा डूब जाना....साथ जीने और साथ मरने को हर पल तैयार रहना...............और भी कितने रूप इस प्रेम के......''''''मेरी सरगोशियां'''''''' मे आप पढ़ सके गे....भावनाओं का ऐसा ताल-मेल आप सरगोशियां मे ढूंढ पाए गे....शुभ प्रभात दोस्तों.....शुभकामनाएं...................
Monday, 23 September 2019
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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बैठे है खुले आसमाँ के नीचे,मगर क्यों है बेहद ख़ामोशी यहाँ...कलम कह रही है क्यों ना लिखे ख़ामोशी की दास्तां यहाँ...आज है ख़ामोशी खामोश यहाँ औ...
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मुददत हो गई तुम से जुदा हुए,पल फिर दिन,फिर महीने और अब बरसो बीत चुके है... पर उस मुहबबत को,उस चाहत को आज भी भूल नही पाए है...बातो की वो ख...
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एक अनोखी सी अदा और हम तो जैसे शहज़ादी ही बन गए..कुछ नहीं मिला फिर भी जैसे राजकुमारी किसी देश के बन गए..सपने देखे बेइंतिहा,मगर पूरे नहीं हुए....