मुहब्बत को देखो गे गर नज़र से मेरी,तो हर जगह मुझे ही पाओ गे...कदम जहां जहां रखो गे,साथ
अपने खड़ा पाओ गे मुझे..लगे कभी तुम्हे मंज़िल कितनी दूर है अभी,याद रखना मेरी दुआ से तेरी
ज़िंदगी भरी है पड़ी..तेरी हर सांस के साथ मेरी दुआ चलती है..तुझे पता चले ना चले मगर खुशनसीबी
साथ होती है तेरे...दिखावा करते नहीं अपनी वफाओं का,जादू जताते नहीं अपनी दुआओ का...जिस
रोज़ तू कामयाब हो जाए तब देखना मेरी मुहब्बत को अपनी ही नज़र से...
अपने खड़ा पाओ गे मुझे..लगे कभी तुम्हे मंज़िल कितनी दूर है अभी,याद रखना मेरी दुआ से तेरी
ज़िंदगी भरी है पड़ी..तेरी हर सांस के साथ मेरी दुआ चलती है..तुझे पता चले ना चले मगर खुशनसीबी
साथ होती है तेरे...दिखावा करते नहीं अपनी वफाओं का,जादू जताते नहीं अपनी दुआओ का...जिस
रोज़ तू कामयाब हो जाए तब देखना मेरी मुहब्बत को अपनी ही नज़र से...