Thursday 26 September 2019

छोटा सा आशियाना मगर सकून का डेरा है यहाँ...नन्ही नन्ही ख़्वाहिशों से भरा,ताजमहल है मेरा...

पूजा का दीपक जले जब जब,कपूर की महक भरती है यहाँ...सीधा सादा जीवन है मगर महफ़िलो

का कोई कोना नहीं है यहाँ...  ज़िंदगी साँसे लेती है यहाँ..कोई डर कोई खौफ का नाम नहीं है यहाँ..

यकीन के दीपक हर वक़्त जलते है क्यों कि माँ-बाबा की दुआओ से दिल खिलते है यहाँ...सोते है

इस विश्वास से कल का सवेरा खुशिया लाए गा यहाँ...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...