''''जीवन आप का खुशहाल रहे''''....यह कह कर,वो हमारी ज़िंदगी से रुखसत हो गए..कुदरत ने चाहा
तो शायद मिल जाए किसी मोड़ पर,अजीब सा यह एहसास दिला वो चले गए..पत्थर के बुत बने,हम
उस सन्नाटे मे अकेले हो गए.. क्या यह सच मे एक हकीकत है, हम परेशान हो गए...कल तक जो हम
से वादे पे वादा करता रहा,जिस को हमेशा यह लगा,हम तक़दीर है उस की...आज ऐसा क्या बदला कि
उस ने बदल दी दुनियां मेरी..धीमे से हम ने भी कहा ''''''जीवन आप का खुशहाल रहे'''''....
तो शायद मिल जाए किसी मोड़ पर,अजीब सा यह एहसास दिला वो चले गए..पत्थर के बुत बने,हम
उस सन्नाटे मे अकेले हो गए.. क्या यह सच मे एक हकीकत है, हम परेशान हो गए...कल तक जो हम
से वादे पे वादा करता रहा,जिस को हमेशा यह लगा,हम तक़दीर है उस की...आज ऐसा क्या बदला कि
उस ने बदल दी दुनियां मेरी..धीमे से हम ने भी कहा ''''''जीवन आप का खुशहाल रहे'''''....