''''' सरगोशियां '''''' वो एहसास जो दिल से निकले तो सीधे दिल मे उतरे..वो दर्द जो दुसरो को रोने पे मजबूर कर दे...वो इशारे वो पाक नज़र,जो इश्क को फणा कर दे..कभी झगड़े कभी लड़ाई यही तो है दास्ताने-इश्क की रूसवाई..फिर कभी साथ जीने के सच्चे वादे तो कभी एक दूजे के साथ मर-मिटने को तैयार...कभी कभी लम्बी जुदाई...दोस्तों,यह सरगोशियां है...आप के तमाम जज्बातो की लम्बी फेरिस्ट लिए...यहाँ कोई भी शब्द किसी व्यक्ति विशेष के लिए लिखे नहीं जाते..यह आप की इस शायरा की कल्पना की वो उड़ान है जो आप को कभी दर्द के सागर मे डुबो देती है तो कभी सात जन्मो के प्यार से मिलवाती है..यह लफ्ज़ो का गहरा जादू आप को मेरी लिखी शायरी का कायल कर दे गा...दोस्तों..कभी मेरे लिखे लफ्ज़ो से किसी की भावनाओ को ठेस पहुंची हो या दिल आहत हुआ हो तो क्षमा चाहती हू...शायरी सिर्फ एक जादू है..प्यार-मुहब्बत की मायानगरी...शुभकामनाएं
Friday, 27 September 2019
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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एक अनोखी सी अदा और हम तो जैसे शहज़ादी ही बन गए..कुछ नहीं मिला फिर भी जैसे राजकुमारी किसी देश के बन गए..सपने देखे बेइंतिहा,मगर पूरे नहीं हुए....
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आहटे कभी झूट बोला नहीं करती,वो तो अक्सर रूह को आवाज़ दिया करती है...मन्नतो की गली से निकल कर,हकीकत को इक नया नाम दिया करती है...बरकत देती ...
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...