सदियों पीछे चले गए हर जन्म का लेखा-जोखा जानने के लिए..क्या हुआ था हर जन्म तेरे साथ रहने
के लिए...इबादत के पन्नो को जो खंगाला,तो चेहरा सिर्फ एक ही नज़र आया...वही चेहरा जो कल रात
खवाब मे हम को नज़र आया...वो गहरी आंखे जो भा गई हम को..वो तड़प जो हर जन्म साथ चली
हमारे...लोग कहते है सदियों का साथ किस ने पाया है..हम कहते है,जब तपस्या हो खालिस तो खुदा
भी साथ देता है..वो मिलाता है उन को,जो सदियों का साथ सोच कर आता है...
के लिए...इबादत के पन्नो को जो खंगाला,तो चेहरा सिर्फ एक ही नज़र आया...वही चेहरा जो कल रात
खवाब मे हम को नज़र आया...वो गहरी आंखे जो भा गई हम को..वो तड़प जो हर जन्म साथ चली
हमारे...लोग कहते है सदियों का साथ किस ने पाया है..हम कहते है,जब तपस्या हो खालिस तो खुदा
भी साथ देता है..वो मिलाता है उन को,जो सदियों का साथ सोच कर आता है...