Wednesday 4 May 2016

वो पूछते है हम से..मुहबबत कर केे हम से..हमी को तो नही भूल जाओ गे--राहे जो

दिखाई है तुम ने हमे..उन पे फिर से भटकने के लिए..अकेला तो नही छोड जाओ गे--

इन आॅखो मे जो सपने सजाए है तुम ने..उनहे पूरा किए बगैर हम को वीरान तो नही

कर जाओ गे--टपक पडे है आॅसू तेरी बातो से जानम..कहे गेे तुझेे सिरफ इतना..धडकन

हू तेरे दिल की,है जब तक दिल तेरा..रहे गे बन के धडकन तेरी--

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...