Friday 20 May 2016

खामोशिया तेरी जान ले ले गी मेरी--कुछ तो बोल कि यह उदासिया बेजाऱ कर दे गी

मुझे--यू तो यह दुनिया कभी कभी बहुत खामोश लगती है,इतने शोर-शराबे मे बेवजह

परेशाॅ सी लगती है--तेरा यू उलझे उलझे रहना,यकीकन मेेरी जान पे बन आया है--अब

उदासी छोड यू मुसकुरा देना,आगाज है किस बात का--कुछ तो बोल,कुछ तो बोल-------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...