कुछ ऱाज है दिल मे ऐसे,जो मौत के साथ दफन हो जाए गे--ऱाज है और भी ऐसे जो
कागज के पननो पे लिख कर छोड जाए गे--बरसो से दबाए बैठे है इन सारे ऱाजो का
दरद खुद के सीने मे--बताए गे किसी को तो गददारी कर जाए गे अपनेे जमीर के हवाले
को--बेजान जिसम जब जल जाए गा,तो रूह को तमाम राजे-बॅदिशो से आजाद कर जाए
गा--
कागज के पननो पे लिख कर छोड जाए गे--बरसो से दबाए बैठे है इन सारे ऱाजो का
दरद खुद के सीने मे--बताए गे किसी को तो गददारी कर जाए गे अपनेे जमीर के हवाले
को--बेजान जिसम जब जल जाए गा,तो रूह को तमाम राजे-बॅदिशो से आजाद कर जाए
गा--