Friday 13 May 2016

टूट जाने के लिए नहीं बनी है यह ज़िन्दगी..क्यों उदास है पगले की तेरे हर कदम पे तेरे साथ चल रही है

यह ज़िन्दगी..तेरी मेहरबानियों की कदरदान मेरी साँसे आज भी है..तेरे दर्द की दास्ताँ सुनने के लिए यह

मुहब्बत कायम आज भी है..जहां लगे तुझे सब ख़त्म हो गया अब,वही से शुरू हो जाये गी...मेरी यह

मुहब्बते ज़िन्दगी की यह जंग...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...