भरी आॅखो से वो बोलेेे..भूल जाओ मुझे तो बेहतर होगा--ना साथ जीने दे गी यह दुनिया
दूर हो जाए तो बेहतर होगा--जो दिए लमहे मुहबबत के तुम ने..रहे गे बन के तोहफा मेरे
जीवन का--हम मुसकुरा दिए आॅखो मे..भूलना तो फितरत नही मेरी..तुमहेे छोडे यह
होगी खता मेरी--रूह को मेरी मुकममल किया है तुम ने..अब रूह मे बस जाओ यही
बेहतर होगा--
दूर हो जाए तो बेहतर होगा--जो दिए लमहे मुहबबत के तुम ने..रहे गे बन के तोहफा मेरे
जीवन का--हम मुसकुरा दिए आॅखो मे..भूलना तो फितरत नही मेरी..तुमहेे छोडे यह
होगी खता मेरी--रूह को मेरी मुकममल किया है तुम ने..अब रूह मे बस जाओ यही
बेहतर होगा--