Thursday 26 May 2016

कभी बहक जाऊ तो सॅभाल लेना मुझ को--गहरी साॅसे जो लेने लगू तो समझ जाना

मुझ को--मेेरे हुसन की तपिश मे कही खुद ना जल जाना--गेेसूओ की घनी छाॅॅव मे जरा

खुद को बचा लेना--आगाह कर रहे है..मुहबबते-दसतूर से..बरबाद ना हो जाओ बता रहे

है उसूल से--दरिया है सुलगते जजबात का..दिल कहा ना माने फिर भी सॅभाल लेना

यकीकन खुद को----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...