महफ़िल है सजी,हर साज़ से सजी..महका हुआ है जैसे हर लम्हा--घुंघरुओं की आवाज़ मे,पायल की झंकार मे..कही खो गई है मासूम सी ज़िन्दगी वह मेरी--राते गुजरती है आँसुओ के समंदर मे,दाग लगे है किस्मत की इन लकीरो मे--जिस्म की तबाही से जयदा बर्बाद हुआ है मन का हर तार--वफ़ा की उम्मीद अब कही भी नहीं,बेवफाई की इस दुनिया मे,है हर कोई खरीददार यहाँ---
Tuesday, 3 May 2016
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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सादगी पे हमारी कोई फिदा हो गया--आॅखो की गहराई पे हमारी,वो कहाानिया ही लिख गया--वजूद को हमारे जाने बिना,हमारे वजूद से वो जुडता ही गया--जिन...
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ना जुबाँ ही खुली,ना इशारा आँखों ने दिया..बात बनने के लिए साथ तेरी वफ़ा ने दिया....य़ू तो बिखरे है ज़ज्बात हज़ारो सीने मे मेरे,लिखते है लफ़्ज़ो...
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लाज शर्म के बंधनो से दूर,तेरी ही दुनिया मे कदम रखने चले आए है..पाँव की जंजीरो को तोड़,लोग क्या कहे गे-इस सोच से भी बहुत दूर,तुझ से मिलने च...