रेत बन कर यह वकत,कब कहा निकल गया..तेरी मेरी जिॅदगी से--सपने रह गए अधूूरे,
मॅजिल रह गई पीछे..बहुत पीछे--चाहा था समॅदर को हथेलियो मे भरना,यह जाने बगैर
कि यह समॅदर कब कहा हुआ किस का--पलके है नम,आॅखे भीगी है तेरी यादो से जब
जब..फिर रेत पे पाॅव रख कर तपे है कब कहा और कितना--
मॅजिल रह गई पीछे..बहुत पीछे--चाहा था समॅदर को हथेलियो मे भरना,यह जाने बगैर
कि यह समॅदर कब कहा हुआ किस का--पलके है नम,आॅखे भीगी है तेरी यादो से जब
जब..फिर रेत पे पाॅव रख कर तपे है कब कहा और कितना--