आ लौट चले उस दुनिया मे,जहा सवेरा ही सवेरा हो--कभी खतम ना हो बाते,तेरी मेरी...
बस महकने वाली सारी राते हो--आॅखे जो कभी नम ना हो,बस खुशी के आॅसूओ से भीगे
यह पलके....कभी मेरी कभी तेरी--रॅजिशे जमाने की ना हो,मुहबबत पे कोई पहरा ना हो.
आ लौट चले उस दुनिया मे..जहा बसेरा बस तेरा हो और मेरा हो--
बस महकने वाली सारी राते हो--आॅखे जो कभी नम ना हो,बस खुशी के आॅसूओ से भीगे
यह पलके....कभी मेरी कभी तेरी--रॅजिशे जमाने की ना हो,मुहबबत पे कोई पहरा ना हो.
आ लौट चले उस दुनिया मे..जहा बसेरा बस तेरा हो और मेरा हो--