Sunday 6 March 2016

उस का जाना मेरी दुनिया से..कयू मुझे उदास कर गया--मुहबबत तो ना थी..फिर कयू

हर लमहा उसी को याद करना..मुझे बेचैन कर गया--बेवजह हर बात पे उस का लडना..

फिर खुद ही मुझ को मनाना..कयू आज आॅखे नम कर गया--रातो को जागना..रो रो

कर उस के साथ बिताया हर पल फिर से जीना...उस से मुहबबत मान लेना कयू मेरा

वफाए इशक हो गया---- 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...