Monday 14 March 2016

बनो गी जिॅदगी मेरी..बनो गी सॅगिनी मेरी..जो दू गा पयार बेइॅतहा..बनो गी हमसफऱ

मेरी..करो वादा कि बात अब मान लो गी मेरी---------------तौबा..तेरे इतने सवाल....दे

कितने जवाब--कहे गे तुझ से सिऱफ इतना...तेरे कदमो मे है जननत मेरी..तूू किसी भी

राह से गुजरे.....रहू गी हमसफऱ तेरी..रहू गी सॅगिनी तेरी-----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...