Friday, 11 March 2016

बेखुदी मे जो तुम नेे पुकारा..हम खुद से बेगाने हो गए--तेरी बेेरूखी जो बदली मुहबबत

मे..हम तो जैसे दीवाने हो गए--तेरी नजऱे जो टिकी मेरे चेहरे पे..हम तो गुलाब गुलाब

हो गए--यकीॅ करे तो कैसे करे..तेरी जिॅदगी कब से हमारी हो गई--दिल धडक धडक के

कह रहा है हम से..कि हम दिल से कया..रूह से तुमहारे हो गए-----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...