खामोशिया तेरी बुला रही है..दूर दराज से--तनहाईया मुझे डस रही है तेरी यादो के
एहसास से--सरका जो आॅचल काॅधे से मेरे..हजारो बिजलियाॅ कौॅधी है बस तेरे इक
खयाल से--सिसकियो के एहसास से..तेरी बाहो का घेरा याद आता है--रातो को जलाते
है दीपक..तेरी हर मासूम अदा पे पयार आ जाता है--
एहसास से--सरका जो आॅचल काॅधे से मेरे..हजारो बिजलियाॅ कौॅधी है बस तेरे इक
खयाल से--सिसकियो के एहसास से..तेरी बाहो का घेरा याद आता है--रातो को जलाते
है दीपक..तेरी हर मासूम अदा पे पयार आ जाता है--