Saturday, 19 March 2016

लमहा लमहा..बने कई साल है-जुडी है कितनी बाते..जुडी है कितनी यादे--हर लमहे का

हिसाब लिखा है कागज के पननो पे--हर पनना दासताॅ सुनाए गा तुमहे..मेरे हर हाल का

--गुजऱी कैसे यह जिॅदगी तेरे बिना..इस बात का ऐलान दिले-नादाॅ कराए गा--मिलना है

तुझ से तेरे उसी आशियाने मे..कि तेरी रूह से जुडा मेरी रूह का हर तार है--

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...