Saturday 5 March 2016

यादे तेरी डाल रही है खलल जिॅदगी मे मेरी--रातो को जगा रही है कयू बार बार आ कर

खवाबो मे मेरी--यह कैसा पयार है..तूने कभी छुआ भी नही..पर रूह जैसे मुकममल हो

गई है मेरी--तूने भी महसूूस किया है गर..तो सोच लेना कि मुहबबत ने जीत ली खुदाई

.....तेरी और मेरी----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...