Thursday, 24 March 2016

हजारो रॅग बिखरेे है आज फिजाओ मे..एक खास रॅग है तेरे पयार का--ना मिटा है ना

मिटे गा..यह इमतिहान है तेरे पयार का--वो नजऱ भर देखे तो और गहरा हो जाए गा

यह रॅग इकरार का--दुनिया बदलती रहे गी हर बार अपने चेहरे के रॅग--वो तो चमके गा

मेरी किसमत पे बिखेर कर..अपनी ही चाहत का रॅॅग--

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...