हजारो रॅग बिखरेे है आज फिजाओ मे..एक खास रॅग है तेरे पयार का--ना मिटा है ना
मिटे गा..यह इमतिहान है तेरे पयार का--वो नजऱ भर देखे तो और गहरा हो जाए गा
यह रॅग इकरार का--दुनिया बदलती रहे गी हर बार अपने चेहरे के रॅग--वो तो चमके गा
मेरी किसमत पे बिखेर कर..अपनी ही चाहत का रॅॅग--
मिटे गा..यह इमतिहान है तेरे पयार का--वो नजऱ भर देखे तो और गहरा हो जाए गा
यह रॅग इकरार का--दुनिया बदलती रहे गी हर बार अपने चेहरे के रॅग--वो तो चमके गा
मेरी किसमत पे बिखेर कर..अपनी ही चाहत का रॅॅग--