गुसताखिया ना करो इतनी,कि बहक जाए ना हम--तेरी बाहो मे आने के लिए कही
मचल ना जाए हम--लरजते होठो से इकरारे मुहबबत कर बैठे ना हम..इशक की
पाबनदियो से कही बिखर ना जाए हम--तेरे हॅसने की अदा,गहरी मुसकुुराट मे दिल चीर
देने की खता..ऐसा ना हो तेरे होने पे मजबूर हो जाए हम--
मचल ना जाए हम--लरजते होठो से इकरारे मुहबबत कर बैठे ना हम..इशक की
पाबनदियो से कही बिखर ना जाए हम--तेरे हॅसने की अदा,गहरी मुसकुुराट मे दिल चीर
देने की खता..ऐसा ना हो तेरे होने पे मजबूर हो जाए हम--