दिल को टटोला जो हम ने..उस मे तो धडकन ना थी--खुद को देखा जो आईने मे..चेहरे
पे कोई रॅगत ना थी--जिसमे जान मे दूर दूर तक कोई हरकत ना थी--खुदा मेरेे..यह
कया हो गया..देे आए है जिस को यह धडकने.चेहरे की रॅगत...वो ही आए गा अब इस
जिसमे जान मे हरकत देने केेे लिए..इॅतजाऱ का दामन फैलाए है बस उसी के दीदार के
लिए---
पे कोई रॅगत ना थी--जिसमे जान मे दूर दूर तक कोई हरकत ना थी--खुदा मेरेे..यह
कया हो गया..देे आए है जिस को यह धडकने.चेहरे की रॅगत...वो ही आए गा अब इस
जिसमे जान मे हरकत देने केेे लिए..इॅतजाऱ का दामन फैलाए है बस उसी के दीदार के
लिए---