Friday 8 June 2018

अपनी नासमझी से उस ने अपने नसीब से मेरे प्यार को खो दिया....इस से पहले नज़दीकिया बढ़

पाती,उस ने अपना असली चेहरा दिखा दिया....मीठी मीठी गुफ्तगू मे कितना झलका उस का फरेब,

वक़्त के चलते चलते उस ने खुद ही साबित कर दिया....वफाए दिखाई नहीं जाती,एहसास भी कह कर

जताए नहीं जाते...मासूमियत बातो की कभी छिपती नहीं,मगर तबियत मे खोट हो तो वो रूकती नहीं

मुहब्बत कभी बाँधी जाती नहीं,खुली फिज़ाओ मे जो सांस ले पाए ऐसा प्यार बदनसीबी से उस ने खो दिया 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...