अपनी नासमझी से उस ने अपने नसीब से मेरे प्यार को खो दिया....इस से पहले नज़दीकिया बढ़
पाती,उस ने अपना असली चेहरा दिखा दिया....मीठी मीठी गुफ्तगू मे कितना झलका उस का फरेब,
वक़्त के चलते चलते उस ने खुद ही साबित कर दिया....वफाए दिखाई नहीं जाती,एहसास भी कह कर
जताए नहीं जाते...मासूमियत बातो की कभी छिपती नहीं,मगर तबियत मे खोट हो तो वो रूकती नहीं
मुहब्बत कभी बाँधी जाती नहीं,खुली फिज़ाओ मे जो सांस ले पाए ऐसा प्यार बदनसीबी से उस ने खो दिया
पाती,उस ने अपना असली चेहरा दिखा दिया....मीठी मीठी गुफ्तगू मे कितना झलका उस का फरेब,
वक़्त के चलते चलते उस ने खुद ही साबित कर दिया....वफाए दिखाई नहीं जाती,एहसास भी कह कर
जताए नहीं जाते...मासूमियत बातो की कभी छिपती नहीं,मगर तबियत मे खोट हो तो वो रूकती नहीं
मुहब्बत कभी बाँधी जाती नहीं,खुली फिज़ाओ मे जो सांस ले पाए ऐसा प्यार बदनसीबी से उस ने खो दिया