मुकम्मल तो नहीं ज़िंदगी लेकिन अधूरापन कही भी नहीं....हर दुआ कबूल रही हो,ऐसा नहीं हुआ पर
कोई बददुआ साथ हो ऐसा भी नहीं रहा....दौलत के ख़ज़ाने भरे हो हर वक़्त,हर जगह...यह तो हुआ
नहीं,पर कोई कमी ज़िंदगी मे रही ऐसा भी कभी हुआ नहीं....कोई दर से मेरे ख़ाली गया,किसी की दुआ
से यह मन रचा बसा रहा...यह कमाल सिर्फ उस कुदरत का है,जिस के हाथ यह मेरा जीवन रहा...
कोई बददुआ साथ हो ऐसा भी नहीं रहा....दौलत के ख़ज़ाने भरे हो हर वक़्त,हर जगह...यह तो हुआ
नहीं,पर कोई कमी ज़िंदगी मे रही ऐसा भी कभी हुआ नहीं....कोई दर से मेरे ख़ाली गया,किसी की दुआ
से यह मन रचा बसा रहा...यह कमाल सिर्फ उस कुदरत का है,जिस के हाथ यह मेरा जीवन रहा...