Sunday 17 June 2018

मुकम्मल तो नहीं ज़िंदगी लेकिन अधूरापन कही भी नहीं....हर दुआ कबूल रही हो,ऐसा नहीं हुआ पर

कोई बददुआ साथ हो ऐसा भी नहीं रहा....दौलत के ख़ज़ाने भरे हो हर वक़्त,हर जगह...यह तो हुआ

नहीं,पर कोई कमी ज़िंदगी मे रही ऐसा भी कभी हुआ नहीं....कोई दर से मेरे ख़ाली गया,किसी की दुआ

से यह मन रचा बसा रहा...यह कमाल सिर्फ उस कुदरत का है,जिस के हाथ यह मेरा जीवन रहा...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...