मुझे फिर कभी ना मिलने का वादा कर के,वो यू अचानक मेरी ज़िंदगी के मुकाम पे दस्तक देने चले
आए है....अपनी खताओं के लिए शर्मिंदगी महसूस करने आए है...थक गया हू,बहुत टूटा हू...यक़ीनन
तेरे उस प्यार को बहुत तरसा हू....भूल तो सभी से होती है,सैलाब बहा कर अपनी आँखों से माफ़ी की
दरख्वास्त ले कर आए है...प्यार कोई खेल नहीं,बाजार मे बिकने वाली कोई शै भी नहीं...लौट जाइए
कि अब मेरी ज़िंदगी को तेरी जरुरत ही नहीं....
आए है....अपनी खताओं के लिए शर्मिंदगी महसूस करने आए है...थक गया हू,बहुत टूटा हू...यक़ीनन
तेरे उस प्यार को बहुत तरसा हू....भूल तो सभी से होती है,सैलाब बहा कर अपनी आँखों से माफ़ी की
दरख्वास्त ले कर आए है...प्यार कोई खेल नहीं,बाजार मे बिकने वाली कोई शै भी नहीं...लौट जाइए
कि अब मेरी ज़िंदगी को तेरी जरुरत ही नहीं....