Wednesday 27 June 2018

हर बार तेरी वही कहानी,हर बार रोने रोने को बरसती तेरी ज़िंदगानी....हज़ारो शिकवे करना,हज़ारो

शिकायतों का पुलिंदा लिए दिनों को भारी करना....दिल कभी उदास है तो कभी आँखों मे आंसू भी

बेहिसाब है....जो मिल गया उस की कीमत नहीं...जो खो दिया उस के लिए बस दर्द से दिल भर

लिया....क्यों शुक्रिया कभी किया नहीं,क्यों मन्नतो का हिसाब लगाया नहीं....खुद से खुद को ढूंढ

ले,यह ज़िंदगी है किसी मौत का रैला नहीं.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...