दोस्तों....मेरी शायरी ज़िंदगी,प्यार दुलार,मुहब्बत,मिलन,दूरी....और भी ना जाने क्या क्या....एक शायर की कल्पना उस की लेखनी,उस के पन्नो पे नज़र आती है....मेरी शायरी कभी किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं होती..अगर किसी को मेरे लेखन से,मेरी शायरी से ठेस या तकलीफ पहुंची हो,तो तहे-दिल से माफ़ी चाहती हु...अपने सभी प्रशसको को मेरा नमस्कार,आदाब और शुक्रिया...
Tuesday, 12 June 2018
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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सादगी पे हमारी कोई फिदा हो गया--आॅखो की गहराई पे हमारी,वो कहाानिया ही लिख गया--वजूद को हमारे जाने बिना,हमारे वजूद से वो जुडता ही गया--जिन...
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ना जुबाँ ही खुली,ना इशारा आँखों ने दिया..बात बनने के लिए साथ तेरी वफ़ा ने दिया....य़ू तो बिखरे है ज़ज्बात हज़ारो सीने मे मेरे,लिखते है लफ़्ज़ो...
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लाज शर्म के बंधनो से दूर,तेरी ही दुनिया मे कदम रखने चले आए है..पाँव की जंजीरो को तोड़,लोग क्या कहे गे-इस सोच से भी बहुत दूर,तुझ से मिलने च...