हस पड़े तेरी इस आशिकी पे,गश खा कर गिर पड़े तेरी रूमानी बातो पे....तौबा हज़ूर आप तो ऐसे ना थे
वो काम मे मशगूल रहना,किताबो मे खुद को डुबो कर रखना....मुहब्बत लफ्ज़ से ही कतराना,जो छू
लू तो शिकन चहेरे पे ले आना...अंगारे बरसाती तेरी वो आंखे,खौफ से सहमी मेरी नाजुक साँसे....क्या
बात है मेरे आका,इस बदलने की असल वजह क्या है...जाने दीजिये,बस मुझे आज अपनी इन्ही बाहों
मे सिमटने दीजिये .....
वो काम मे मशगूल रहना,किताबो मे खुद को डुबो कर रखना....मुहब्बत लफ्ज़ से ही कतराना,जो छू
लू तो शिकन चहेरे पे ले आना...अंगारे बरसाती तेरी वो आंखे,खौफ से सहमी मेरी नाजुक साँसे....क्या
बात है मेरे आका,इस बदलने की असल वजह क्या है...जाने दीजिये,बस मुझे आज अपनी इन्ही बाहों
मे सिमटने दीजिये .....