जमीं पे पाँव रखा था,आसमान की बुलनदियों को पाने के लिए नहीं..
चल रहे थेे हकीकत में,राहों की धूल बनने के लिए नहीं..
मकसद था सही और इरादेे भी सही...
मनिजल आ गई खुद सामने,हम ने तो बुलाया भी नहीं..
चल रहे थेे हकीकत में,राहों की धूल बनने के लिए नहीं..
मकसद था सही और इरादेे भी सही...
मनिजल आ गई खुद सामने,हम ने तो बुलाया भी नहीं..