टुटते हुए सपनों को खाक नही होने दे गे अब हम..
कतऱा कतऱा कर के इस मुहबबत को फिर लौटा लाए गे अब हम..
सपनों को हकीकत मे बदलना,नामुमकिन तो नही अब..
पर हकीकत को खबाबों मे सजा लेना,यह जान गए है अब हम...
कतऱा कतऱा कर के इस मुहबबत को फिर लौटा लाए गे अब हम..
सपनों को हकीकत मे बदलना,नामुमकिन तो नही अब..
पर हकीकत को खबाबों मे सजा लेना,यह जान गए है अब हम...