बरसों के बाद तेरा मुझ को फिऱ से पुकारना,एक खूबसूरत एहसास ही तो हैं..
हम पे यकी करना,एक नए रिशते् को जताना यह पयार ही तो हैं...
तुम पे मिटने के लिए,अभी भी हम में जान बाकी है..
तुमहें पयार करने के लिए,अभी भी जजबात बाकी हैं...
हम पे यकी करना,एक नए रिशते् को जताना यह पयार ही तो हैं...
तुम पे मिटने के लिए,अभी भी हम में जान बाकी है..
तुमहें पयार करने के लिए,अभी भी जजबात बाकी हैं...