Sunday 8 June 2014

चलते चलते बहुत दूर तक आ गए है हम..

हर पगडणडी,हर बहाव से दूर निकल आए है हम..

जब थक कर टूट चुके थे हम....

एक इशारा मिला देख तेरे पास है हम...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...