जो दोसत दूर तक साथ दे,हर दरद मे हो साथ..दौलत शोहरत की बातों मे..
ना हो उस का विशवास,बस मन के दरद को जो पढ ले अपनी आँखों से..
कया इस जमाने मे मिलते है..एेसे सचचे दोसत..
ना हो उस का विशवास,बस मन के दरद को जो पढ ले अपनी आँखों से..
कया इस जमाने मे मिलते है..एेसे सचचे दोसत..